आवारा पशुओं से अपनी फसल को बचाने के लिए खेतों के चारों तरफ कंटीले और ब्लेड युक्त तार लगाने पर पर रोक लगा दिया गया है, जो पहले से कंटीले तार लगे है उनको हटाने के आदेश दिया गया है। जो इस आदेश का पालन नहीं करता है उसके विरुद्ध धारा-144 के तहत कार्यवाही की जायेगी। शासन की तरफ से मिले दिशा निर्देश के बाद प्रतापगढ जिलाधिकारी ने एसडीएम और बीडीओ को ऐसे किसानों को चिन्हित करने और उनके विरूद्ध कार्यवाही के लिए आदेश दिया गया है।

खेत, कृषि, खाली जमीन पर कंटीले ब्लेड युक्त तार लगाने तथा उनमें विद्युत प्रवाह करने, पर जिलाधिकारी ने प्रतिबन्ध लगा दिया है। 

अगर जनपद में कहीं भी इस तरह के तार लगे है तो तत्काल ही उनको हटा लिया जाये। अन्यथा धारा-144 के तहत कानूनी कार्यवाही होगी। साथ ही आदेश की अवहेलना करने पर उदि व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-188, पशुक्रूरता के तहत कानूनी कार्यवाही करते हुए दंडित किया जायेगा। एसडीएम और खंड विकास अधिकारी इसकी मॉनीटरिंग करेंगे। जनपद में कई कृषि योग्य ख़ाली भूमि और खेतों में चहारदीवारी करने के लिए इस तरह के कंटीले और ब्लेड युक्त तार लगाए गये है।  

शासन द्वारा फसल सुरक्षा के लिये आवारा पशुओ से अपनी फसल की सुरक्षा के लिये सादे तार, जालीदार फेन्सिंग एवं टीन के चद्दर का प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही पशु पालकों से अनुरोध किया गया है किसी भी दशा में पालतू गोवंश को कदापि न छोड़े न ही किसी को छोड़ने की सलाह दे।

इसका अपने स्तर से ग्रामों/ क्षेत्रों में भी बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार करते हुए सम्बंधित ग्राम पंचायत के ग्राम पंचायत/ग्राम विकास अधिकारी/ लेखपाल/ग्राम प्रधान अपने स्तर से प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक सप्ताह के अंदर कम से कम 20-25 छुट्टा गोवंश को जन सहयोग से पकड़कर ग्राम पंचायत की भूमि को चिन्हित करते हुए अस्थायी व्यवस्था के साथ संरक्षित करायें जिससे फसलों की क्षति न हो तथा सड़को पर किसी भी प्रकार की स्थिति उत्पन्न न हो। जिससे फसलों की वजन सुरक्षा में आपका सहयोग सराहनीय होगा

 

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