2019 के मोदी सरकार के इन 5 फैसलों को हमेशा याद रखेगा भारत
17वीं लोकसभा के गठन के लिए हुए आम चुनावों में देश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट जनादेश देकर दोबारा केंद्र की सत्ता में बैठाया और नरेंद्र मोदी एक फिर प्रधानमंत्री बने।
17वीं लोकसभा के गठन के लिए हुए आम चुनावों में देश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट जनादेश देकर दोबारा केंद्र की सत्ता में बैठाया और नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) एक फिर प्रधानमंत्री बने।
अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने कई ऐसे निर्णय लिए, जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।
बालाकोट हवाई हमला
लोकसभा चुनाव से पहले 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा सीआरपीएफ के जवानों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ
जिसमें 40 से ज़्यादा जवान शहीद हो गए। इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पीओके (POK) के बालाकोट में घुसकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया
जिसमें सरकार की तरफ 300 से अधिक आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था।
अगड़ों को आरक्षण
अपने पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष यानी 2019 में मोदी सरकार ने जनरल कैटेगिरी के लोगों को आरक्षण देने का फैसला किया।
सरकार ने संविधान संशोधन करके गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिया। विपक्षी पार्टियों ने इस फैसले का विरोध किया।
आठ लाख तक की वार्षिक कमाई करने वाले गरीब सवर्णों को इस फैसले का फायदा सरकारी नौकरी और शिक्षा क्षेत्र में मिलेगा।
तीन तलाक खत्म
आम चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतकर आई मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में कई वर्षों से चली आ रही तीन तलाक जैसी कुप्रथा को खत्म किया।
मोदी सरकार ने संसद के दोनों सदनों से मुस्मिल वुमन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) बिल पास कराकर पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाया।
मुस्लिम महिलाओं ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया।
जम्मू-कश्मीर से 370 रद्द
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लिए गए फैसलों कश्मीर से धारा 370 हटाना प्रमुख है। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली संविधान की धारा 370 हटाने के बाद
सरकार ने इस राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। इस फैसले से पहले नेशनल कॉंफ्रेंस के नेता फारूख अबदुल्ला, उमर अबदुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को नज़रबंद किया गया था।
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी
केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को सदन को संसद के दोनों सदनों से बहुमत के साथ पास करा लिया, जिस पर अभी तक बवाल मचा हुआ है।
कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए गए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात कही गई है।
इसके अलावा, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के घोषणापत्र में पूरे देश में एनआरसी लागू करने की बात की गई थी।
असम में एनआरसी होने के बाद लोग नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का लगातार विरोध कर रहे हैं। लोग एनआरसी और सीएए को एक साथ जोड़कर देख रहे हैं।