ऐसे लक्षण जिनसे पता चलता है कि आप मानसिक और भावनात्मक रूप से थके हुए हैं। हर लक्षण के साथ निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं।

क्या  आप अक्सर चीजों को भूल जाते हैं?

जब आपके दिमाग में बहुत सारी चीज़ें चल रही होती है तो आप चीज़ों को अक्सर भूल जाने की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं।  ज्यादातर तनाव और चिंता के कारण दिमाग में कई सारी चीज़ें चलती है। ध्यान की कमी, भूलने की बीमारी और निर्णय लेने में कठिनाई, इन सब बातों को रोकने के लिए यह सोचें कि आप जो भी करेगें वह अच्छा ही होगा। मैडिटेशन  शुरू करें, आप गार्डनिंग भी कर सकते हैं,

क्या आपके मन में खुद को नुकसान  पहुंचाने का विचार आता है?

अगर आपके मन में इस तरह का विचार आता है तो यह खतरे की घंटी है। आपको इस समस्या का समाधान करने के लिए तुरंत काम करना चाहिए। अगर कभी कभी आप खुद को शारीरिक रूप से नुकसान पहुँचाने की इच्छा महसूस करते हैं, तो निश्चित रूप से यह चिंता का विषय है। खुद को नुकसान पहुँचाने में आप किसी पदार्थ का भी इस्तेमाल कर सकते है। 

इन चीज़ों को नियंत्रित करने के लिए किसी डॉक्टर की मदद लें। ऐसा तब होता है जब आप किसी साइलेंट कंडीशन जैसे कि डिप्रेशन, चिंता या बोर्डरलाईन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं। अगर आप अपने आपको नुकसान पहुंचाने के लिए किसी खास व्यवहारिक क्रम जैसे कि खाने से संबंधित असामान्यता, तो आपसे इस सम्बन्ध में डॉक्टर कुछ सवाल कर सकता हैं।

क्या आप असहाय दर्द का अनुभव करते हैं।

कभी कभी  आपको  ऐसा  दर्द  का  अनुभव  हो सकता  है  जो  आपको  अंदर  ही  अंदर  खाये  जा सकता है और  आप इस समस्या के बारे में किसी से बता भी नहीं सकते हैं। अगर आपको ऐसी समस्या है तो आपको  ऐसे  में  किसी करीबी  भरोसेमंद  इंसान  से  बात  करनी  चाहिए या  फिर  आप  ऐसे  में  फीकोलॉजिस्ट  की  मदद भी  लेनी चाहिए। 

चिंता का अनुभव होना

आज के महामारी के समय में चिंता होना लाज़मी  है । हमारा शरीर और दिमाग एक दूसरे से जुड़ा हुआ होता है। इसलिए  हमेशा जो भी देखें और सुने उस पर ध्यान रखें। अगर आपका दिमाग सतर्क नहीं होगा तो हार्ट रेट, पसीना, कांपने, दूसरों के बारे में सोचने के साथ-साथ किसी बुरी बात को लेकर चिंतित होने जैसे लक्षण उत्पन्न होंगे। अगर आप अपने दिमाग को स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो नकारात्मक सोशल मीडिया और ज्यादा सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बचें। शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए डायाफ्रामिक साँस लेने की प्रैक्टिस, मेडिटेशन, जैकोबसन प्रगतिशील मसल्स रिलैक्सेशन तकनीक का इस्तेमाल करें।

क्या छोटी-छोटी बातें आपको परेशान करती हैं?

symptoms of depression in Hindi


कभी कभी छोटी छोटी चीजें आपको परेशान कर सकती है । इससे निजात पाने के लिए एक मिनट के लिए आंखे बंद करें। इस दौरान अपने जीवन और अपने आसपास की दुनिया में चल रही चीज़ो से खुद की तुलना करे और जो चींजें अच्छी हो रही हो उस पर ध्यान केंद्रित करें। छोटी छोटी चीजों से परेशान होने के बजाए इन चीज़ों को ठीक करने की कोशिश करें।  

    
क्या आपको लगता है कि आपकी गृहस्थी और जिन्दगी ख़त्म हो रही है (बहुत ज्यादा समय तक इस परेशानी का अनुभव होना) 

इसे मल्टीप्ल  रिप्पल  इफ़ेक्ट  कहा जाता है। यह इफेक्ट तब होता है जब आपका रिश्ता किसी प्रिय (आपके दोस्त, माता पिता, साथी) व्यक्ति से ख़राब हो जाता है और लोगों से घृणा करना आसान हो जाता है, यह एक तरह की समस्या है।

Read this: How to unblock website link on facebook at Cheap Price

ऐसे में खुद को समझने और ख़ुद के लिए समय निकलने का ज़रूरत होती है , ध्यान दें कि आप अपनी नींद और भूख को संतुलित रखने के लिए क्या कर सकते हैं। अपने आप को स्वस्थ रखे। ख़ुद को शांत रखने वाली एक्टिविटी करें।  मुमकिन हो तो अंदर या बाहर खुले में एक्सरसाइज या योग करे। 

क्या आप नींद और भूख के पैटर्न से परेशान हैं?

बड़ी संख्या में मानसिक डिसआर्डर ख़राब नींद की वजह से होते हैं। अगर आप रात में नहीं सो पाते हैं और दिन में काम के दौरान सोते हैं तो यह एक लाइफ़स्टाइल से संबंधित समस्या है। भारत में एरोरेक्सिया नर्वोसा के बारे में बहुत कम जागरूकता है, हालांकि अनेक चिकित्सालयों और अस्पतालों से इस तरह की समस्या होने के प्रत्यक्ष प्रमाण मिले हैं।शराब और कैफीन का सेवन न करें। हल्की शारीरिक गतिविधियाँ करें, आरामदायक संगीत सुनें। अपना रूटीन सही करे और हेल्थी डाइट खाएं। 

You Might Also Like