इन 5 चीजों को नियमित रूप करें, दिमाग तेज और याद्ददाश्त बढ़ सकती है
इन 5 चीजों को नियमित रूप करें, दिमाग तेज और याद्ददाश्त बढ़ सकती है, 5 ways to sharp the brain in Hindi
क्या आप जानते हैं कि केवल आपके शरीर को एक्सरसाइज की जरुरत नहीं होती है बल्कि दिमाग को भी बेहतर तरीकें से काम करने के लिए एक्सरसाइज की जरुरत होती है। मस्तिष्क की एक्सरसाइज करने से बुद्धि तेज होती हैं और संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार होता हैं।
how to make brain sharp and intelligent
जिस तरह आप अपने दिल और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक एक्सरसाइज (व्यायाम) करते हैं, उसी तरह अपने दिमाग का व्यायाम करने से आपकी निर्णय लेने की क्षमता तेज हो सकती है और आपके कम्युनिक्शन स्किल (संचार कौशल) में सुधार हो सकता है। यहां मस्तिष्क के लिए 5 व्यायाम बताये जा रहे हैं जो आप हर दिन कर सकते हैं।
नई भाषा सीखें
इस बात पर शायद ही कोई यकीन करेगा कि नई भाषा सीखने से दिमाग बढ़ता है लेकिन यह सच है। अपनी भाषा के इतर दूसरी भाषा सीखना मस्तिष्क को उत्तेजित करता है और सभी प्रकार के रास्ते खोलता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नई भाषा सीखते समय बहुत कुछ सुनना, बोलना और ध्यान केंद्रित करना पड़ता है। अगर आप नई भाषा सीखते हैं तो इससे आपकी क्रिएटिविटी में बढ़ावा तो होता ही है साथ ही साथ आपको भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) भी जल्दी नहीं होती है।
इसके अलावा मुश्किल और नए शब्दों के मतलब सीखने से व्यक्ति की पागल होने की संभावना काफी कम हो जाती है। दिमाग जब नई-नई चीजों को सीखता है, नई भाषा के शब्दों के अर्थों को जानता है और मस्तिष्क के अन्य भाग भी इस प्रक्रिया में शामिल हो जाते हैं जिससे दिमाग तेज होता है। विशेषज्ञ हमेशा यह सलाह देते हैं कि अगर दिमाग को तेज करना चाहते हैं तो नई भाषा जरूर सीखें।
पहली को हल करें
खेल और पहेलियाँ धीरे-धीरे आपके दिमाग को तेज करेंगी और आपकी समस्या को सुलझाने की क्षमता को बढ़ाएँगी। जो व्यक्ति खेल और पहेलियों में दिमाग लगाता है उसके जीवन में डेमेंटिया (भूलने की बीमारी) बहुत कम होती है। अखबार में क्रॉसवर्ड जैसी सरल पहेलियों को हल करें। आप सुडोकू या स्क्रैबल जैसे गेम भी आज़मा सकते हैं।
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क्रॉसवर्ड समस्या-समाधान का अभ्यास करने का एक शानदार तरीका है। जैसे-जैसे आप इनमे बेहतर होते जायेंगे, आप धीरे-धीरे ज्यादा जटिल पहेलियों को भी हल करते जायेंगे। आप अपने खाली समय में रूबिक क्यूब को हल करने, शतरंज खेलने या जापानी पॉकेट पहेलियों को हल करने का भी प्रयास कर सकते हैं। ऐसे गेम खेलने की कोशिश करें जिनमें निर्णय लेने और रणनीतिक विचार करना शामिल हो। मेमोरी गेम भी आप खेल सकते है। आज कल ये चीजें ऑनलाइन भी उपलब्ध है। आप इन चीजों को लगातार करके अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं।
नए शौक पाले
नई स्किल सीखने से भी दिमाग की एक्सरसाइज होती है। इससे भी दिमाग तेज होता है। विशेष रूप से म्यूजिक, डांस और विजुयल आर्ट जैसे क्रिएटिव स्किल से आपके मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों की एक्सरसाइज होती है। और इन सभी के अविश्वसनीय लाभ होते हैं। एक वाद्य यंत्र बजाना सीखना भी आपके मस्तिष्क की एक्सरसाइज करने का एक बेहतरीन तरीका है। विज्ञान ने दिखाया है कि जब बच्चे संगीत बजाना सीखते हैं, तो उनका दिमाग उन ध्वनियों को सुनना और संसाधित करना शुरू कर देता है।
आप एक नया शौक भी अपना सकते हैं जिसमें मोटर ठीक करने का स्किल भी शामिल हो सकता है। आप बुनाई, ड्राइंग या पेंटिंग भी कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि खेल-कूद, पढ़ना, मिलना-जुलना और यात्रा जैसी उत्तेजक गतिविधियां न सिर्फ दिमाग को तेज रखती हैं बल्कि व्यक्ति को डिप्रेशन से भी बचाती हैं।
खाना बनाना सीखें
अगर आप खाना बनाना सीखेंगे तो आपके अंदर धैर्य और निपुणता तो आयेगी ही साथ आपका दिमाग भी तेज होता है। वैज्ञानिकों का कहना है जो लोग खाना बनाना जानते है उनमे ज्यादा धैर्य और तेज दिमाग होता है। इसलिए यह अक्सर सलाह दी जाती है कि अगर व्यक्ति को अपना दिमाग तेज करना है तो वे नई-नई चीजें बनाना सीखें। व्यक्ति कुकिंग क्लास भी ज्वाइन कर सकता है। खुद से चीजें प्रयोग करने से व्यक्ति की निर्णय लेने और गलती न करने की क्षमता बढ़ेगी साथ ही व्यक्ति को बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा।
चीजों को लिखना सीखें
अगर आप चीजों को याद करते है और बाद में भूल जाते हैं तो इससे दिमाग को नुकसान पहुँचता है। चीजों को लिखकर रखने की आदत पालने से व्यक्ति का दिमाग तेज हो सकता है। चीजों को हाथ से लिखने से दिमाग की कसरत होती है। लिखना वास्तव में आपके मस्तिष्क के दोनों पक्षों का समन्वय कर सकता है। यह आपके मस्तिष्क के कार्य में सुधार कर सकता है। यह आपके कागनिटिव स्किल (संज्ञानात्मक कौशल) को भी बढ़ावा दे सकता है।
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इसके अलावा कई मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि हाथ से कुछ लिखने से याददाश्त पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ता है। यह वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए काम करता है। हाथ से लिखना पढ़ने से जुड़े मस्तिष्क के क्षेत्रों को भी सक्रिय करता है। यह मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाता है क्योंकि लिखते वक़्त आप अपने मस्तिष्क का ज्यादा उपयोग कर रहे होते हैं।