पिछले कुछ सालों में जिस तरीके से जेएनयू को विभिन्न तरीके से बदनाम करने की कोशिश की गई है, उससे साफ जाहिर होता है कि दक्षिणपंथी (Right Wing) के लोग देश में सिर्फ एक विचारधारा थोपने की होड़ लिए बैठे हैं।

बीते रविवार मशहूर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए हमले के बाद से भाजपा नेताओं द्वारा दिए जा रहे है बयानों के बीच यह पूछना जरूरी है कि क्या भाजपा को जेएनयू से नफरत है?

काफी दशकों से जेएनयू में छात्रसंघ के चुनावों में वामपंथी दलों का दबदबा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि वहां के छात्रों ने कभी दक्षिणपंथ की विचारधारा को कबूला ही नहीं और हमेशा सरकार की जनविरोधी नीतियों-योजनाओं के खिलाफ प्रदर्शन किए।

मगर लगता ऐसा है कि देश की सरकार उसकी नीतियों के खिलाफ युवाओं की आवाज़ को दबाना चाहती है, लेकिन जेएनयू के छात्र अदम्य साहस के साथ अपने अधिकारों की लड़ने के साथ जनविरोधी नीतियों की खिलाफत कर रहे हैं।

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JNU का नाम बदला जाए: भाजपा सांसद

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में 6 जनवरी को नकाबपोशों द्वारा हुए हमले पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं बयानों से लगता है कि उन्हें जेएनयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से गहरी नफरत है।

पिछले साल 18 नवंबर को भाजपा राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय को दो साल के लिए बंद करने की वकालत की थी

और साथ ही कहा था कि जेएनयू का नाम बदलकर सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय रखा जाना चाहिए।

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JNU के छात्र वंदे मातरम् नहीं गाते- BJP नेता

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में नकाबपोश बदमाशों द्वारा की गई हिंसा पर बीजेपी नेता ने छात्रों को लेकर बयान दिया।

बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि जेएनयू के छात्र वंदे मातरम नहीं गाते हैं।

उनकी आवाज को दबाने के लिए हमें अपनी आवाज बढ़ानी होती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे दुनिया को क्या दिखाना चाहते हैं।

बीजेपी नेता के इस बयान से तो यही लगता है कि उनकी बस चले तो हर किसी जबरदस्ती वंदे मातरम के नारे लगवाएं और अपने राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाएं।

दीपिका का जेएनयू जाना गलत: बीजेपी नेता

नकाबपोशों द्वारा जेएनयू के छात्रों पर किए गए हमले के खिलाफ सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में अदाकारा दीपिका पादुकोण जेएनयू के छात्रों के समर्थन में खड़ी हुईं।

मगर इसे लेकर बीजेपी ने फिर बयानबाजी शुरू कर दी।

बीजेपी के नेता गोपाल भार्गव ने दीपिका पादुकोण का बिना नाम लिए कहा कि हिरोइन को मुंबई में डांस करना चाहिए। जेएनयू में नहीं जाना चाहिए था।

मुझे यह समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के दर्जनों लोग हो गए हैं जो एक्टिविस्ट हैं, आर्टिस्ट कहे जाते हैं।

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इसके अलावा बीजेपी के बड़े नेता किसी प्रसिद्ध नेता के किसी मामले के बीच जेएनयू में जाने को लेकर बिफर जाती है और उस व्यक्ति को ''टुकड़े-टुकड़े गैंग'' का समर्थक बताने लगती है।

जेएनयू हिंसा मसले पर हाल ही में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी, रमेश बिधूड़ी और तजिंदर बग्गा ने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को जेएनयू छात्रों के समर्थन में खड़े होने को

''टुकड़े-टुकड़े गैंग'' का समर्थक बता दिया। बीजेपी के नेताओं के उक्त बयानों से लगता है कि भाजपा जेएनयू से नफरत करती है।

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