69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में मुख्यमंत्री ने आरक्षण विसंगति दूर करने के दिए आदेश
इस भर्ती मामले को लेकर अभ्यर्थी 6 माह से अधिक समय से लखनऊ में संघर्षरत है।
69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी बहुत दिनों से लखनऊ में सहायक शिक्षक भर्ती में हुई आरक्षण नियमो की अनदेखी को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती का मामला एक वर्ष से अधिक समय से चल रहा है। इन धरना प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों का आरोप का आरक्षित वर्ग की 18598 सीटों में 5844 सीट अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को दे दी गई है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी इस बात को लेकर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर अवगत करा चुका है। लेकिन आयोग के पत्र का भी कोई असर नहीं दिखा, आंदोलनकारी छात्रों ने अपनी समस्या को प्रदेश के सभी दलों के प्रमुख से मिलकर इस मामले से अवगत कराया।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी से आज 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण की विसंगति को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने मुलाकात की।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 23, 2021
मुख्यमंत्री जी ने संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग (@basicshiksha_up) को समस्या के त्वरित एवं न्यायसंगत समाधान हेतु निर्देश दिए।
लेकिन सरकार ने पिछले विधानपरिषद सत्र में इस मामले के सम्बन्ध में अपना जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों के स्थान पर 31,228 अभ्यथियों की भर्ती हुई है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती केआंदोलनकारियों के प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों अमरेंद्र बाहुबली, विजय यादव, मुक्ता कुशवाहा से अपने आवास पर मुलाकात कर बेसिक शिक्षा विभाग को आरक्षण नियमो की अनदेखी दोषपूर्ण भर्ती प्रकिया की समस्या का निस्तारण जल्द से जल्द करने का आदेश दिया।
इस भर्ती मामले को लेकर अभ्यर्थी 6 माह से अधिक समय से लखनऊ में संघर्षरत है। अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने के लिए अभ्यर्थियों ने बहुत संघर्ष किया अनगिनत बार विधानसभा का घेराव किया, मंत्रियो के आवास का घेराव किया तब जाकर इन अभ्यर्थियों की बात सुनी गयी।
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