a Rugby stadium named after a Bollywood actor: Rahul Bose biography in Hindi

क्या आपने सुना है कि किसी बॉलीवुड एक्टर के नाम पर किसी खेल स्टेडियम का नाम पड़ा है? नहीं न ? लेकिन ऐसा अब हुआ है। यह हुआ है उड़ीसा राज्य में। दरअसल जिस एक्टर के नाम पर इस स्टेडियम का नाम पड़ा है वह बॉलीवुड का बहुत जाना-माना नाम नहीं है लेकिन वह उस खेल के खिलाड़ी रह चुके हैं। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं। 


अभिनेता राहुल बोस के नाम पर रखा गया रग्बी स्टेडियम का नाम 


'चैन कुली की मैंन कुली' और 'प्यार के साइड इफेक्ट' फेम एक्टर राहुल बोस के नाम पर उड़ीसा राज्य सरकार ने रग्बी स्टेडियम का नाम रखा है। गौरतलब है कि राहुल बोस खुद एक रग्बी प्लेयर रह चुके हैं। 


राहुल बोस का रग्बी करियर 

राहुल बोस पिछले 40 सालों से रग्बी से जुड़े हुए हैं। गौरतलब है कि राहुल बोस भारत के लिए 11 सालों तक रग्बी खेला है। वर्तमान में राहुल बोस भारतीय रग्बी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष भी हैं। अब उनके नाम पर उड़ीसा में एक स्टेडियम का नाम रखा गया है। 

दिलचस्प बात यह है कि जिस दिन राहुल बोस के नाम पर रग्बी स्टेडियम का नाम रखा गया उसी दिन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विश्वनाथन आनंद, अभिनव बिंद्रा, दिलीप तिर्की और दुती चंद जैसे दिग्गजों के नाम पर छह अलग-अलग सपोर्ट सेंटर का भी उद्घाटन किया।


क्रिकेट भी खेल चुके हैं राहुल बोस 


गौरतलब है कि राहुल बोस बॉक्सिंग और रग्बी खेल चुके हैं इसके अलावा वह क्रिकेट भी खेल चुके हैं। एक समय था जब वह पूर्व भारतीय कप्तान मंसूर अली खान पटौदी से क्रिकेट कोचिंग लिया करते थे।

नहीं चाहते थे कि उनके नाम पर पड़े स्टेडियम का नाम 


अपने नाम पर स्टेडियम का नाम पड़ने पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल बोस ने कहा, "मेरे अलावा जिन लोगों के नाम पर स्पोर्ट सेंटर का नाम पड़ा है वे बहुत ही दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि मैं इन लोगों में से किसी के बराबर हूँ। हालांकि यह सम्मान पाकर मै बहुत ही विनम्र और सम्मानित महसूस कर रहा हूँ।"
 

राहुल बोस ने बताया कि वह नहीं चाहते थे कि उनके नाम पर स्टेडियम का नाम पड़े। इसलिए जब उनसे इस बारे में कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया कि ऐसा मत करो। लेकिन जब सरकारी प्रतिनिधियों ने जोर दिया तो जाकर वह माने। 

राहुल बोस यह भी स्वीकार करते हैं कि स्टेडियम का नामकरण सालों पहले सभी लोगों द्वारा किया गया कामो का परिणाम है। अब भी शायद ही कोई रग्बी के बारे में कुछ जानता हो। हम इसके बारे में बहुत जागरूक हैं। इसलिए यह सम्मान की बात है, क्योंकि यह खेल के लिए है न कि मेरे लिए। अगर कुछ भी खेल में मदद करता है तो मैं हमेशा वहां रहूंगा। यह हमेशा मेरा जुनून रहा है।


रग्बी के खेल में राहुल बोस की यात्रा काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है। उन्होंने सबसे पहले स्कूल स्तर पर रग्बी खेलना शुरू किया। 2009 में उन्होंने भारत के पहले रूबी इंटरनेशनल गेम में प्रतिनिधित्व किया। इस खेल से सन्यास लेने के बाद बोस अब भारतीय रग्बी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। 

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