गाँव की महिला प्रधान होने पर प्राय: उनके पति द्वारा ही ग्राम सभा का सारा काम-काज किया जाता है| यहाँ तक ग्राम सभा की बैठकों में भी महिला प्रधान के पति या देवर या बेटे द्वारा ग्राम सभा के लिए सारी कार्ययोजना बनायीं जाती है| इस प्रकार की कार्य शैली पर पंचायती राज विभाग ने सख्ती करते हुए प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानो को निर्देश जारी कर चुका है|  

अगर ग्राम प्रधान की जगह कोई दूसरा व्यक्ति या परिवार का कोई अन्य सदस्य पंचायत भवन के काम-काज करते हुए पाये गये तो प्रधान के खिलाफ विभाग द्वारा  सख्त कार्यवाही की जायेगी| 

जनपद में 17 विकास खंड में 1193 ग्राम पंचायत है| जिसमे 450 महिला प्रधान है| मिशन शक्ति अभियान के तहत उनको सशक्त बनाने का शासन स्तर से प्रयास किया जा रहा है| शासन के इन तमाम प्रयासों के बावजूद भी महिला प्रधान की जगह उनके पति या देवर या बेटे के द्वारा प्रधानी का काम-काज किया जा रहा  है| ग्राम पंचायत से चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य प्रमाण पत्रों पर प्रधान पति  के ही सिग्नेचर करके के जारी किया जा रहा है|

इन सबको देखते हुए शासन स्तर से यह निर्णय लिया गया  है| जब भी ग्राम सभा की बैठक होगी तो उसमे वीडियोग्राफी करवाई जायेगी| बैठक में  प्रधान के सिग्नेचर होंगे| साथ ही विभाग के अन्य कर्मचारियों की भी हाजिरी लगेगी|  अभी तक तो मात्र कागज में ही बैठक हुआ करती थी|  डीपीआरओ  रवि शंकर द्विवेदी ने विकास खंड के 

एडीओ पंचायतों को आगाह किया है | साथ ही यह भी कहा की महिला प्रधान की जगह अन्य कोई पंचायत भवन में बैठता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी|  ग्राम सभा के पंचायत भवन की दीवारों पर मिशन शक्ति की पेंटिंग लगवाई जायेगी|


ग्राम सभा की बैठक में जिस भी प्रस्ताव पर चर्चा होगी उसका उल्लेख रजिस्टर में किया जायेगा| जिस भी प्रस्ताव पर  सहमति की मुहर लगेगी| उसका भी उल्लेख रजिस्टर  में किया जायेगा| पंचायत भवन के रजिस्टर में विभाग के सभी कर्मचारियों के सिग्नेचर होंगे| पंचायत भवन में सभी विभागों के कर्मियों के मोबाइल नंबर भी दर्ज किये जायेगे| 

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