यह विचित्र मंदिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में है। जब इच्छुक श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी हो जाती हैं तो वे माता के दरबार में माथा टेकते हैं और चप्पलें चढ़ाते हैं।

जीजी बाई (Jiji bai mandir)  का मंदिर के नाम से मशहूर यह एक पहाड़ी मंदिर है। और इस मंदिर में चप्पलें चढ़ाने की विचित्र परंपरा कई सालों से चली आ रही है।

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jiji bai mandir

इस तरह शुरू हुई परंपरा

राजधानी भोपाल के कोलार इलाके में स्थित इस मंदिर को लोग जीजी बाई का मंदिर के नाम से जानते हैं। बताया जाता है कि अशोकनगर निवासी ओम प्रकाश महाराज ने मूर्ति स्थापना के साथ शिव-पार्वती का विवाह कराया था।

और खुद कन्यादान किया था। तब से वे माँ सिद्धदात्री को अपनी बेटी मानकर पूजा करते हैं और आमजन की तरह बेटी की हर इच्छा पूरी करते हैं।

विदेशों से भी आती हैं चप्पलें

इस विचित्र जीजी बाई मंदिर (Jiji bai mandir) के कुछ भक्त विदेशों में जाकर बस गए हैं। समय-समय पर वे माँ दुर्गा के लिए चप्पलें भिजवाते हैं। एक दिन में चप्पल चढ़ने के बाद मंदिर के पुजारी इन्हें लोगों में बांट देते हैं।

ओम प्रकाश का कहना है कि यहाँ लोग अपनी मन्नतें मांगने आते हैं और मन्नत पूरी होने के बाद नई चप्पल चढ़ाते हैं। गर्मी में भक्त चप्पलों के साथ चश्मा, टोपी और घड़ी भी चढ़ाते हैं।

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ओम प्रकाश मानते हैं कि वह बेटी की तरह देवी दुर्गा की देखभाल करते हैं। कई बार हमें महूसस होता है कि जो कपड़े देवी को पहनाए गए हैं, उनसे वह प्रसन्न नहीं है। इसलिए हम दो-तीन घंटे में कपड़े बदलते देते हैं।
 

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