पूरा मामला हिमाचल प्रदेश का है। यहाँ की एक जेल में सजा काट रहा एक कैदी टीचर बन गया है। वह 10वीं-12वीं के छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन क्लास देकर 8 लाख रूपये की राशि प्रतिवर्ष कमा रहा है।

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ऑनलाइन क्लास देने वाली एक प्राइवेट कंपनी ने इस कैदी की काबिलियत देखी और आठ लाख रूपये का सालाना पैकेज पर बतौर साइंस टीचर नियुक्त किया।

जेल विभाग भी साथ

इस कैदी के सकारात्मक रवैये को देखते हुए जेल विभाग भी उसकी हरसंभव मदद कर रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह पूरे देश में इकलौता ऐसा मामला है,

जिसमें किसी कैदी को शैक्षणिक संस्था द्वारा इतने बड़े पैकेज पर नियुक्त किया गया हो। यह कैदी शिमला की जेल में बंद है और इसने राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी संस्थान से शिक्षा दीक्षा ग्रहण की है।

प्रेमिका की हत्या की कोशिश की थी

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वर्ष 2010 में इस कैदी ने अपनी प्रेमिका को जान से मारने की कोशिश की थी। इस दौरान प्रेमिका की मौत हो गई और फिर अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा दी।

आजीवन कारावास मिलने के बाद वह जेल में अपने दिन काटने लगा। इस बीच ''हर हाथ को काम'' नाम की मुहीम की शुरूआत की। इसका मकसद कौशल कैदियों को काम दिलाना था।

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इस कैदी ने तकनीकी शिक्षा हासिल की हुई है। इसलिए शुरूआत में इसने जेल विभाग के तकनीकी कार्यों से संबंधित सेवाएं दीं। जब जेल विभाग में भर्ती परीक्षा का कार्य चल रहा था 

तो सॉफ्टवेयर बनाने के लिए भी इस कैदी की सहायता ली गई। पढ़ा-लिखा होने के कारण कैदी ने स्थानीय कोचिंग सेंटर में युवाओं को पढ़ाना शुरू किया।

कैदी के पढ़ाने का तरीका इतना प्रभावी था कि बच्चे उसी से पढ़ने की दिलचस्पी दिखाने लगे। फिर इस कैदी का नाम काफी प्रसिद्ध हो गया।

और कुछ वक्त पहले ही उसे देश की एक नामचीन कंपनी ने ऑनलाइन साइंस की क्लास पढ़ाने के लिए हायर कर लिया।

 

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