रिसर्च: ज्यादा सोये तब भी और कम सोये तब भी, हो सकता है दिमाग कमजोर, जाने सही टाइम
रिसर्च में पता चला है कि कितना ज्यादा सोने और कितना कम सोने से दिमाग कमजोर होता है
Research regarding sleep in Hindi
ऐसा कहा जाता है कि 6 घंटे से ज्यादा सोने से व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। लेकिन आजकल व्यस्त भरी जिंदगी में शायद ही कोई व्यक्ति 6 घंटे से ज्यादा की नींद पूरी कर पाता है। तनाव और झुंझलाहट से बचने के लिए डॉक्टर 8 से 10 घंटे सोने की हिदायत देते हैं। इसका असर भी देखने को मिलता है।
लेकिन अब सोने के समय को लेकर एक स्टडी हुई है। जिसमे 6 घंटे से ज्यादा सोने वालों के बारे में कहा गया है। इसमें कहा गया है कि जो लोग 6 घंटे से ज्यादा सोते हैं उनमे कुछ समस्याएं हो सकती है। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
एक रिसर्च टीम ने यह जानने की कोशिश की है कि ज्यादा सोने से किस तरह से दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा करने के लिए उन्होंने औसतन युवाओं से लेकर 70 साल के उम्र तक के 100 बड़े वयस्कों पर चार से पांच साल नज़र रखी। इस दौरान 88 ऐसे लोग थे जिनमे डेमेंटिया (मनोभ्रंश) के कोई लक्षण नहीं दिखाए, जबकि 12 लोगों में संज्ञानात्मक हानि (दिमाग में कुछ कमी) के लक्षण दिखाई दिए।
रिसर्च के दौरान प्रतिभागियों को संज्ञानात्मक गिरावट या मनोभ्रंश के संकेतों को देखने के लिए कई सामान्य संज्ञानात्मक और न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्ट कराने के लिए कहा गया था। इन टेस्ट से उनके स्कोर को एक सिंगल स्कोर में जोड़ दिया गया, जिसे प्रीक्लिनिकल अल्जाइमर कॉग्निटिव कम्पोजिट (पीएसीसी) स्कोर कहा जाता है। स्कोर जितना ज्यादा होता, समय के साथ उनका ज्ञान उतना ही बेहतर होता।
रिसर्चर ने पाया कि कम से कम 4.5 घंटे से कम और 6.5 घंटे से ज्यादा सोने वालों में कुछ दिमागी कमी देखी गयी। वहीं जो लोग 5 से 6 घंटे सोते थे उनके दिमाग में को प्रभाव नहीं पड़ा।
इस रिसर्च से पता चलता है कि बहुत कम भी नहीं सोना चाहिए और बहुत ज्यादा भी नहीं सोना चाहिए। अगर आप साढ़े 4 घंटे या 5 घंटे से कम रोज सोते हैं तो कुछ सालों के बाद आपमें कुछ दिमागी कमी जैस कि चीजों को भूलना, भ्रम होना और चीजों को न समझने में परेशानी हो सकती है।
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वहीं अगर आप 6 घंटे से ज्यादा समय तक सोते हैं तो भी दिक्कत की बात होती है। इस रिसर्च में पाया गया है कि जो व्यक्ति 6 घंटे से ज्यादा सोते थे उनमे दिमागी परेशानी कुछ समय के बाद दिखी।
इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि एक उत्पादक दिमाग के लिए रोज 6 घंटे की नींद पर्याप्त होती है।