कोविड-19 के भय से लोग रेस्टोरेंट में खाने-पीने के लिए नहीं जा रहे हैं। इसके साथ ही रेस्टोरेंट मालकों को स्टाफ कर्मियों की कमी व महंगे होते खाद्द पदार्थों की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है।

कारोबारी बड़ी मुसीबत में

दिल्ली के अधिकतर रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि सब्जी से लेकर दूसरे कच्चे माल के दामों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। आमदनी से ज्यादा खरीदारी की लागत बढ़ती जा रही है। सब्जी की कीमतें आसमान छूती नजर आ रही हैं।

दाल समेत दूसरे खाद्द पदार्थ भी पहले की तुलना में काफी महंगे हो गए हैं। इसका प्रभाव रेस्टोरेंट में बिकने वाली चीजों की कीमतों पर भी पड़ रहा है।

कोरोना काल में डर के कारण पहले ही बाजार में ग्राहक नहीं आ रहे हैं। रेस्टोरेंट में ग्राहक बैठकर खाना खाने से कतरा रहे हैं। इसके अलावा पैकिंग को लेकर भी लोगों में कोई दिलचस्पी नहीं है।

इन सभी वजहों से बिक्री न के बराबर है। बगैर किसी काम-धंधे के सभी प्रकार के बिल और कर भुगतान करना पड़ रहा है।

delhi restaurants bussiness falls down

कई रेस्टोरेंट पर लटका ताला

नेशनल रेस्टोरंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की प्रबंधन समिति के सदस्य संतोष जिंदल ने बताया कि राजधानी में सिर्फ 25 फीसदी रेस्टोरेंट का कारोबार रह गया। दिल्ली में तकरीबन 800 रेस्टोरेंट को शराब परोसने का लाइसेंस मिला हुआ है, 

लेकिन उसमें  से करीब 25 प्रतिशत ने लाइसेंस रेन्यु नहीं कराया है, जिस कारण उन पर अब ताला लग गया है। साथ ही रेस्टोरेंट में ब्रांड वाली शराब भी बाजार में उपलब्ध नहीं है। इसकी आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।

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