भारत में रंगों (Holi Color) का माल चाइना से आ चुका है। एक तरफ लोग कोरोना वायरस से डरे हुए हैं। वहीं बाजार में होली के अवसर पर सस्ते व खतरनाक रंग (Color Harmful) बिक रहे हैं। जो आपकी स्कीन को नुकसान पहुंचाने में जरा सी भी देर नहीं लगाते। इनसे बचना बेहद जरूरी है।

अगर आप इन रंगों (Holi Chemical Color) खरीद लेते हैं। और होली (Holi) के दिन इनका इस्तेमाल करते हैं तो आपको कई तरह की त्वचा, आंख और बाल संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।

केमिकल के रंगों से होने वाले नुकसान | Chemical Color ks Nuksaan
 

जो रंग या गुलाल आपको बाजार में मिलता है, उसमें केमिकल और शीशे की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ये बहुत हानिकारक होते हैं। इनसे होने वाले नुकसान की लिस्ट नीचे हैं।

  • चिकित्सकों का मानना है कि जो रंग बाजार में बिकते हैं। वो बहुत ही ज्यादा खतरनाक होते हैं। अगर इन रंगों को कोई इस्तेमाल करते है तो उसकी जान खतरे में पड़ सकती है। इन रंगों से आपकी आंख और त्वचा को ज्यादा खतरा रहता है।
  • केमिकल वाले रंगों का इस्तेमाल करने से आंखों में अंधापन आ सकता है। ये आपकी स्कीन के लिए बहुत खतरनाक है। इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा झुलस सकती है।
  • हरे रंग में कॉपर सल्फेट पाया जाता है, जो आंखों में अंधापन और एलर्जी ला सकता  है। काले रंग में लैड पाया जाता है, जो आपके गुर्दों को नुकसान पहुंचाता है। वहीं, पीले रंग में ओरमिन नामक केमिकल होता है, जिससे स्कीन एलर्जी और त्वचा को नुकसान पहुंचता है।
  • लाल रंग में मरक्यूरिक ऑक्साइड पाया जाता है और सिल्वर रंग में एल्मुनियक ब्रोमाइड होता है। ये दोनों केमिकल आपको त्वचा कैंसर (Skin Cancer) का शिकार बना सकते हैं। वहीं, बैंगनी रंग भी हानिकारक है। इसमें क्रोमियम आयोडाइड होता है, जिससे अस्थमा जैसी बीमारी हो सकती है।

ऐसे करें बचाव | How to Protect Your Eyes From Chemical Color
 

बाजार में बिकने वाले केमिकल रंगों से बचना बेहद जरूरी है। वरना आपको डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है। खतरनाक रंगों से बचने के लिए नीचे बताए गए तरीकों पर गौर करें।

  • होली खेलते वक्त आंखों का बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए जब आपको लगे कि रंग आपकी आंखों में जा सकता है तो आंखें ढंक लें।
  • आंखों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए आप आंखों में चश्मा पहन सकते हैं। इससे रंग आपकी आंख में नहीं जाएगा।
  • बेहतर यही होगा कि आप लोगों को अपने चेहरे पर रंग न लगाने दें। उन्हें चेहरे पर रंग लगाने से मना करें।
  • लोगों से कहें कि आंखों के आस-पास रंग न लगाएं। आंखों और बालों को बचाने के लिए आप टोपी भी पहन सकते हैं।
  • यहां बता दें कि अगर रंग से भरा कोई गुब्बारा आपको लग जाता है। तो इससे आंख की पुतली और रेटिना को नुकसान पहुंच सकता है।
  • होली खेलने के बाद आंखों के आस-पास रंग छुड़ाते समय ध्यान रखें कि आपकी आंखें जोर से बंद हों।
  • चेहरे पर रंग लग गया है तो रंग छुड़ाते वक्त गर्म पानी का प्रयोग करें। इससे गाढ़े से भी गाढ़ा रंग आसानी से छूट जाता है।
  • आखिर में हम आपको कहेंगे कि बाजार में बिकने वाले रंगों का इस्तेमाल न करें। इसकी जगह घर पर बनाए हुए रंगों का इस्तेमाल करें। घर मौजूद चीजों से हर्बल कलर आसानी से बनाया जा सकता है।

ऐसे बनाएं हर्बल कलर घर | Homemade Holi Color

घर पर बनाए हुए हर्बल कलर से आप बिना किसी डर होली खेल सकते हैं। हर्बल रंगों से शरीर या फिर त्वचा, आंख पर कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। हर्बल रंगों को बनाने के लिए नीचे बताए गए तरीके अपनाएं।

हरा रंग

हरा रंग बनाने के लिए पालक या मैथी की जरूरत होगी। पालक या मैथी को पीस लें। फिर इसमें थोड़ा आरारोट मिलाएं। इसके बाद इसे सूखने के लिए रख दें। आपका हरा हर्बल कलर तैयार हो जाएगा। अगर आप गीला हरा रंग बनाना चाहते हैं तो पालक या मैथी को बहुत बारीक पीस लें। फिर उसमें मौजूद पानी को गाढ़ा करे लें।

पीला रंग

पीला रंग बहुत अच्छा होता है। इसे बनाने के लिए आपको गेंदे के फूलों की जरूरत होगी। थोड़े गेंदे के फूल लेने के बाद इसे पानी में उबाल ले। आपका पीला रंग बन जाएगा। फिर इस रंग के साथ होली खेलें।

गुलाबी रंग

गुलाबी रंग युवाओं को काफी पसंद है। इसे बनाने के लिए कुछ चुकंदरों को घिस लें। फिर इसे धूप में सूखा दें। इसके बाद आप मिक्सी में इसका पाउडर बना लें। इसके बाद इसमें गुलाब की पत्तियां मसलकर डाल दें। गुलाबी रंग बनकर आपके सामने होगा। इसे अपने दोस्तों को लगाएं और मजे करें।

केसरिया रंग

केसरिया रंग भारत में बहुत प्रसिद्ध है। इसे बनाने के लिए पलाश या टेसू के फूलों को एक रात के लिए पानी में भिगो दें। टेसू के सूखे फूल बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। अगले दिन पत्तियों को मसल-मसलकर पानी को अच्छी तरह छान लें। आपका गहरा केसरिया रंग बनकर तैयार हो जाएगा।

बैंगनी रंग

बैंगनी या जामुनी रंग बनाने के लिए आपको चुकंदर और कुछ काले अंगूर चाहिए। चुकंदर और काले अंगूल का रस निकाल लें। फिर दोनों का रस एक साथ मिला दें। इस क्रिया के बाद इस रंग को गाढ़ा बनाने के लिए आपको चूल्हे पर सूखा लें। फिर आपका बैंगनी रंग बनकर तैयार हो जाएगा।


हर साल आते हैं रंग से नुकसान के मामले

पिछले कुछ सालों से, जब से मार्केट में केमिकल के रंगों की भरमार हुई है, तब से ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिनमें लोगों ने केमिकल वाले रंग का इस्तेमाल किया। और उनकी त्वचा, आंख को नुकसान पहुंच गया।

इस तरह के केमिकल युक्त रंगों से बचकर रहें। और 2020 की होली धूमधाम से मनाएं व घर में बनाएं हुए हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें। देखिए, बड़ी होली के दिन तो लोग रंगों से खेलते हैं। मगर क्या आपको पता है कि छोटी होली के दिन, जो पूजा की जाती है, उसकी विधि क्या 

होली की पूजा विधि | Holi Pooja Vidhi

  • होली की पूजा शाम के समय की जाती है। इस मंगलकार्य के लिए आप उत्तर या पूर्व की दिशा में अपना मुख करके बैठ जाएं।
  • फिर अपने आप-पास पानी की बूंदें छिड़कें। इससे आपके आस-पास मौजूद सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जाओं का अंत हो जाता है।
  • इस विधि के बाद होलिका बना लें या अगर किसी जगह होलिका बनी हो तो वहां जाकर पूजन आरंभ करें। कोई भी पूजन करने से पहले गणेश जी का पूजन करनेा जरूरी होता है।
  • होलिका पूजन के लिए एक थाली में रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, साबुत हल्दी, बताशे, फल और एक लोटा पानी लें।
  • इस क्रिया के बाद नरसिंह भगवान को याद करें और होलिका पर रोली, चावल, फूल, बताशे चढ़ाएं और मौली (लाल कलावा) को होलिका के चारों ओर लपेटें। 
  • इतना होने के बाद होलिका पर प्रह्वाद का नाम लेकर फूल चढ़ाएं। और फिर  नरसिहं भगवान का नाम लेते हुए पांच अनाज चढ़ाएं। 
  • इसके बाद अपना नाम लेकर, अपने पिता का नाम और गोत्र का नाम लेते हुए होलिका पर चावल चढ़ाएं।
  • पूजा विधि के आखिरी पड़ाव में होलिका दहन करें। फिर दोनों हाथ जोड़कर नमन करते हुए उसकी परिक्रमा करें।
  • जलती हुई होलिका में किसी भी रंग का गुलाल अर्पित करें और फिर अपने बड़े-बुजुर्गों के पैरों में गुलाल लगाकर उनका आर्शीवाद प्राप्त करें।
  • होलिका दहन के समय बालें बुझने का भी रिवाज होता है। इस दिन बालें बुझकर अपने परिवार वालों और मित्रों को शुभकामनाएं भेंट करें।

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