इस कमरे में 45 मिनट से ज्यादा रुके तो हो जाएंगे पागल
दुनिया में कई लोग गैर जरूरी चीजों की वजह से पागल हो जाते हैं और अपना आपा खो देते हैं। मगर इसके उलट धरती पर एक ऐसा कमरा है, जो आपको सिर्फ 45 मिनट में पागल बना सकता है।
दरअसल, यहां बात दुनिया के एक ऐसे कमरे की हो रही है, जो विश्व का सबसे शांत कमरा है। इसके पीछे का कारण भी है। आमतौर पर लोग सांसारिक जीवन की दुविधाओं से ग्रस्त होकर शांति की तलाश में रहते हैं।
मन की शांति (Peace) के लिए ये लोग प्रकृति के करीब हो जाते हैं और जंगलों में शांति ढूंढ़ने के लिए निकलते हैं। मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की सबसे शांत जगह कोई जंगल, पहाड़ और अंतरिक्ष नहीं बल्कि ये एक कमरा है।
जहाँ पर इतनी शांति व्याप्त है कि इंसान यहां 45 मिनट से ज्यादा रह ही नहीं सकता है। पिछले कुछ वर्षों में बहुत से लोगों ने यहां पर रहने की कोशिश की लेकिन वे वहां पर 45 मिनट से ज्यादा नहीं रह सके और वहां से बाहर निकल गए।
ये कमरा अप्रतिध्वनिक कक्ष (Anechoic Chamber) है, जिसका अर्थ यहां आवाज (Sound) बिल्कुल नहीं है। ये अजीब कमरा अमेरिका के राज्य Minnesota में मौजूद है।
दरअसल, ये एक तरह की लेबोरटरी है। वहीं, गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसे दुनिया की सबसे शांत जगह माना गया है। इसे लेबोरेटरी ऐनाकोइक चैंबर कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यहाँ पर कोई प्रतिध्वनि नहीं होती है क्योंकि ये कमरा 99.99 फीसदी ध्वनि को अवशोषित (obserb) कर लेता है।
क्या होता है इस कमरे में?
ध्वनिमुक्त इस लेबोरेटरी का इस्तेमाल किसी उत्पाद की मात्रा और ध्वनि की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए होता है। यहां इतनी शांति है कि अगर कोई भी 45 मिनट से ज्यादा रहा तो वो व्यक्ति पागल हो सकता है।
सोते वक्त इतनी शांति होती है
अगर शांति को किसी एक पैरामीटर में मापा जाता है तो इस हिसाब से जब हम सो रहे होते हैं तो हमारे बेडरूम में 30 डेसीबल शांति होती है। वहीं, इस लेबोरेटरी में -9 डेसीबल शांति है।
माइनस 9 डेसीबल शांति के आंकड़े से आप ये तय कर सकते हैं कि यहां पर कितनी ज्यादा शांति रहती है। बता दें कि ये कमरा 3.3 फुट मोटी फाइबरग्लास ध्वनिक वेज और इंसुलेटेड स्टील और एक फुट-मोटी कंक्रीट की डबल दीवारों से बना है।
कोई भी जा सकता है इस कमरे में
यहां पर लोगों को कुछ शर्तों के साथ आने की इजाजत है। आप भी इस कमरे में जा सकते हैं। मगर इस कमरे में रूकने के लिए कम समय मिलता है। कोई भी व्यक्ति इस कमरे में प्रवेश करता है तो उस पर अधिकारियों की कड़ी नजर रहती है।
इस लेबोरेटरी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, सिर्फ मीडिया के सदस्यों को लंबे समय तक अकेले कक्ष में रहने की अनुमति है। एक रिपोर्टर सबसे ज्यादा 45 मिनट तक वहां पर रुका था। ज्यादातर लोग इससे भी कम समय में वहां से भाग जाते हैं।
आप ये जानकर दंग रह जाएंगे कि जब कोई इस कमरे में सांस भी लेता है तो उसके दिल की धड़कन, धमनियों में बहता खून, फेफड़ों की आवाज उसे सुनाई देती है। इसे सुनकर एक सामान्य व्यक्ति पागल हो जाता है।
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