2014 के ये प्रमुख वादे पूरे नहीं कर पाई है मोदी सरकार
एनडीए गठबंधन के नेतृत्व में मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के पांच साल पूरे कर लिए हैं और लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ एक बार फिर से देश की सत्ता पर बैठ गई है।
एनडीए गठबंधन के नेतृत्व में मोदी सरकार (Modi Government) ने अपने पहले कार्यकाल के पांच साल पूरे कर लिए हैं और लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ एक बार फिर से देश की सत्ता पर बैठ गई है।
भाजपा ने 2014 के आम चुनाव के दौरान कई प्रमुख वादे किए थे, जो अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। तो चलिए उन वादों पर एक नज़र डालते हैं।
हर साल दो करोड़ रोजगार ?
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत कई दल मोदी सरकार रोजगार के वादे को पूरा न करने का आरोप लगाते हैं और दावा करते हैं, '
'भाजपा 2014 के चुनाव में हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था।'' बता दें भाजपा ने हर एक करोड़ रोजगार सृजित करने का वादा किया था।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक सवाल के रोजगार में कहा था, मुद्रा योजना के और स्टार्ट-अप इंडिया योजना के तहत 9 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पकोड़ा' बेचने को रोजगार कहते हुए अपनी खिल्ली उड़वाई थी।
न्यायपालिका में सुधार
मोदी सरकार ने 2014 में केंद्र की सत्ता में आने से पहले अहम विषय न्यायपालिका के सुधार समेत मुकदमे के जल्द निपटारे का वादा किया था।
मगर इसकी हकीकत कुछ और ही है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में 27 जून 2019 को एक सवाल के जवाब में कहा था,
'देशभर हाईकोर्ट में 43 लाख से ज्यादा मुकदमे पेंडिंग हैं, लटके हुए हैं, जिनमें से 18 लाख 75 हजार सिविल मामले हैं और 12 लाख 15 हजार आपराधिक मामले हैं।''
1 जून 2019 तक सुप्रीम कोर्ट में 1 लाख 58 हजार से मामले लटके पड़े हैं।
यूनीफॉर्म सिविल कोड (UCC)
यूनीफार्म सिविल कोड भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए एक समान कानून की बात करता है और इसके लागू होने के साथ सभी पर्सनल लॉ खत्म हो जाएंगे।
मोदी सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं किया है। यूनीफॉर्म सिविल कोड (UCC) भाजपा के 2014 के घोषणापत्र का हिस्सा था।
हर राज्य में एम्स (AIIMS) की स्थापना
स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास करने हेतू भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में हर प्रदेश में एम्स (AIIMS) की स्थापना का वादा किया था।
लेकिन अब तक कितने एम्स अस्पताल बनकर तैयार हो चुकी हैं, इसका ब्यौरा सरकार ने मुहैया नहीं कराया है।
महंगाई मुक्त भारत
लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान भाजपा ने नारा दिया था, ''बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार''।
मगर यह कितना सच साबित हुआ, इसकी तस्दीक यह आंकड़ें करते हैं। मई 2019 में केंद्रीय संख्यिकी मंत्रालय ने महंगाई दर के आंकड़ें पेश किए थे,
जिसके मुताबिक, मई 2019 तक भारत में महंगाई दर 6.7 प्रतिशत थी। महंगाई दर बढ़ने से खाने-पीने की चीज़ें महंगी होती है।