What is the monkeypox virus, symptoms, cure, precaution and seriousness

कोविड अभी पूरी तरह से गया नहीं कि लोगों के बीच मंकीपॉक्स वायरस को लेकर अफरातफरी मच गयी है। मंकीपॉक्स भी एक तरह का वायरस है जो हाल ही में कुछ यूरोपीय देशों में देखने को मिला है। आइये इस वायरस की गंभीरता के बारे में विस्तार से जानते हैं।  यह भी जानते हैं कि इस वायरस से कैसे बचा जा सकता है। 

क्या है मंकी पॉक्स वायरस (What is the monkeypox virus in Hindi)

मंकीपॉक्स वायरस एक प्रकार का वायरल इन्फेक्शन है। यह ठीक उसी तरह का इन्फेक्शन है जैसे स्मॉल पॉक्स हुआ करता था। अफ्रीका के देशो में यह इन्फेक्शन पाया जाता है। वहां के जो जानवार इस इन्फेक्शन से संक्रमित है अगर उनसे मानव संपर्क में आता है तो यह वायरस मानव में फैलता है।

What animals can carry monkeypox?

इस वायरस से संक्रमित मृत जानवर के संपर्क में भी आने से यह वायरस मानव में फैलता है। वहीँ जब मंकी पॉक्स के केसेस अफ्रीका से बाहर मिलने की ख़बर आती है तो यह संभवतः अफ्रीका में जानवरों से संक्रमित हुए लोग होते हैं। 

मंकीपॉक्स एक ऐसा वायरस है जो ज्यादातर पश्चिमी और सेन्ट्रल अफ्रीका में देखने को मिलता है। हाल के समय में यह वायरस कई यूरोपीय देशों में भी फैला है। इस वायरस के लक्षणों में बुखार होना, मांसपेशियों में दर्द होना,  लिम्लफ नोड्स में सूजन होना शामिल होता है।

चेचक की तरह चकत्ते हाथों और चेहरे पर भी देखने को मिल सकते हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि संक्रमित जानवरों जैसे कृन्तकों और बंदरों के संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों में फैलता है।

 

यहाँ आपको यह बताना जरूरी है कि यह वायरस पिछले 40 सालों से अफ्रीका में हैं लेकिन हाल में कुछ यूरोपीय में देशों में यह देखने को मिला इसलिए हडकंप मचा हुआ है।

वैसे तो मंकी पॉक्स अभी भारत में नहीं पहुंचा है लेकिन हमें अभी तुरंत एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा जांच बढ़ा देनी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि मंकीपॉक्स के और केसेस अभी सामने आ सकते हैं।

इसे रोकने के लिए आने वाले यात्रियों की निगरानी बढ़ानी होगी। इसलिए यह जरूरी है कि इसे भारत में आने से रोकने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाने चाहिए।


अगर इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के तरल पदार्थ, घावों, या चीजों को कोई छूता है या उसे उपयोग में लाता है तो उस व्यक्ति में मंकी पॉक्स फ़ैल सकता है। कपड़े और बिस्तर पर लेटने से यह वायरस फ़ैल सकता है। घरों में सतहों पर कीटनाशक छिड़कने से ये वायरस मर सकते हैं।

monkeypox

वैसे तो मंकीपॉक्स कुछ ही केसेस में जानलेवा होता है लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप अच्छी साफ़ सफाई बनाये रखें और कोविड के अनुरूप व्यवहार का पालन करते रहें। 

मंकी पॉक्स का लक्षण (monkeypox virus symptoms)


जिस तरह के लक्षण वायरल इन्फेक्शन में होता है ठीक उसी तरह के लक्षण इसमें भी लगभग देखने को मिलते हैं। बुखार होना, सिर दर्द होना, शरीर में दर्द होना, बहुत ज्यादा कमजोरी होना, थका हुआ महसूस होना आदि लक्षण मंकी पॉक्स में भी देखने को मिलते हैं। स्मॉल पॉक्स से मंकी पॉक्स इन्फेक्शन अलग इसलिए है क्योंकि यह स्मॉल पॉक्स से हल्का इन्फेक्शन है। 

स्मॉल पॉक्स में गांठे नहीं हुआ करती थी लेकिन इसमें गर्दन के आसपास या शरीर के अन्य हिस्सों में गांठे दिख सकती हैं। इस इन्फेक्शन से संक्रमित होने और लक्षण दिखने का समय लगभग एक से दो हफ्ते का होता है। सामान्यतः यह बीमारी 2 से 4 हफ्ते में ठीक हो जाती है।

इस वायरस का मुख्य संकेत शरीर में रैश हो जाना होता है।  भले ही यह हल्का लक्षण है लेकिन 10 केसेस में से एक की इससे मौत हो सकती है।

घातक नहीं है मंकी पॉक्स वायरस 

चूँकि यह वायरस अफ्रीका के जंगलो या अफ़्रीकी देशों में ही मिलता है। यह देखा गया है कि यह वायरस चूहे, गिलहरी और अन्य इसी तरह के जानवरों द्वारा एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है।

आपको यह बताना जरूरी है कि अगर कोई व्यक्ति मंकी पॉक्स से संक्रमित जानवर के सम्पर्क में आता है तब वह इस वायरस से संक्रमित होगा। 

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अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और वह मर गया है तो उसके संपर्क में आने से मानव में यह फ़ैल सकता है। अगर संक्रमित जानवार के मल मूत्र या मांस के संपर्क में मानव आता है तो भी यह वायरस उसमे फ़ैल सकता है। अगर संक्रमित जानवर आपको काट लिया या खरोंच मार ले तो भी आप इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। 

इलाज (Is there a cure for monkeypox?)

अभी तक इसका कोई निश्चित इलाज संभव नहीं है। हालाँकि इससे रोकथाम के लिए हमारे पास  2 वैक्सीन उपलब्ध हैं।

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