युवी के पिता ने कहा- नियति थी कि युवराज बनें कप्तान, मगर धोनी को...
लॉकडाउन के बीच कई क्रिकेटर अपने किस्से शेयर कर रहे हैं। वहीं, पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह ने हाल-फिलहाल में कहा था कि उन्हें अपने पहले कप्तान सौरव गांगूली से काफी सपोर्ट मिला था। इस बयान के बाद उनके पिता का बयान सामने आया है।
युवराज के पिता योगराज ने हाल ही में न्यूज-24 चैनल को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को लेकर कई बातें कहीं।
धोनी पर कइयों ने कुछ ना कुछ कहा है
उन्होंने कहा,“मैंने सहवाग, गंभीर या युवराज के हाल में कई इंटरव्यू वीडियो देखें हैं। हर किसी ने धोनी के बारे में डायरेक्टली या इन डायरेक्टली कुछ ना कुछ कहा है।
हर कोई गांगुली के बारे में इतनी बात क्यों करता है? क्योंकि 2000 के मैच फिक्सिंग प्रकरण के बाद उन्होंने टीम का निर्माण शुरू किया था। उस समय भारत की रैंकिंग नंबर-7 थी।
उन्होंने युवराज, कैफ, जहीर, हरभजन, सहवाग और गंभीर जैसे युवाओं को लिया और एक नई टीम का निर्माण किया।”
युवराज बनने चाहिए थे कप्तान
इसके साथ ही योगराज सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है कि युवराज भारत के अगले कप्तान होने चाहिए थे, लेकिन धोनी को नियति के कारण कप्तान बन गए और गांगुली द्वारा बनाई गई एक अच्छी टीम मिल गई थी।
उन्होंने कहा, “यह नियति है कि युवराज कप्तान बनने वाले थे, लेकिन अंत समय में महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी मिल गई और एक अच्छी बनी टीम मिल गई।”
धोनी-विराट, चयनकर्ताओं ने युवराज के साथ विश्वासघात किया
योगराज सिंह ने इंटरव्यू के दौरान आगे अपने बयान में कहा, “धोनी और विराट के साथ-साथ चयनकर्ताओं ने भी युवराज सिंह के साथ विश्वासघात किया है।
हाल ही में मैं रवि शास्त्री से मिला था और उन्होंने मुझसे एक फोटोग्राफ के लिए कहा। मैंने उन्हें अपने पास बुलाया और कहा कि सभी महान खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर विदाई मिलनी चाहिए।
जब धोनी, विराट या रोहित रिटायर होंगे तब मैं बोर्ड से निवेदन करूंगा कि उन्हें अच्छी विदाई मिले, क्योंकि उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए काफी कुछ किया है। हालांकि युवराज की पीठ के पीछे कईयों ने छुरा घोपा है, जो पीड़ादायक है।”
युवराज ने ये कहा था
पिता योगराज सिंह के इस बयान से पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने अपने बयान में कहा था कि उन्हें अपने पहले कप्तान सौरव गांगुली का काफी सपोर्ट मिला था, लेकिन उन्हें धोनी या कोहली से ऐसा सपोर्ट नहीं मिल पाया।
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