कुंजबिहारी की श्रीकृष्ण आरती पढ़ें, पीडीऍफ़ में डाउनलोड करें
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हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी देवता हैI लोग अपने-अपने अनुसार देवी-देवताओं को पूजते हैंI भारत विभिन्नताओं का देश हैI यहाँ पर हिन्दू धर्म के रहने वाले लोग भी पूजा करने के कई अलग-अलग तरीके अपनाते हैंI लेकिन हिन्दू धर्म में सुबह-सुबह ब्रहम मुहुर्तु में पूजा तथा आराधना करना शुभ माना जाता हैI
अगर सुबह की शुरुआत अच्छी चाहिए तो सुबह-सुबह भगवान की आरती सुन लेना अच्छा होता हैI वैसे तो कई देवी-देवता है जिनकी आरती होती हैI लोग भगवान की आरती करने में कोई भेदभाव नहीं करते हैंI सुबह की शुरुआत जिस भी आरती से हो जाए वह अच्छा होता हैI
वैसे तो लोग स्पीकर पर आरती चलाकर सुनकर आरती करते हैंI लेकिन अगर इन आरती को याद कर लिया जाए तो बहुत अच्छा होता हैI आप बिना फोन पर या स्पीकर पर चलाये ही आरती को कर सकते हैंI
आज हम आपको भगवान श्रीकृष्ण की आरती के बारे में (About Shree Krishna Aarti in Hindi) बताएँगेI आप इस आरती को आसानी से याद कर सकते हैंI नीचे आरती के बारे में विस्तार से बताया गया हैI
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यह आरती श्री कुंज बिहारी के बारे में है (aarti kunj bihari ki lyrics in hindi)
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नन्द के आनंद नंदलाला
गगन सैम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी ालक, कस्तूरी तिलक
चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसै
गगन सो सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग
ग्वालिन संग, अतुल रति गोप कुमारी
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
जहाँ ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा
स्मरण ते होत मोह भंगा बसी शिव सीस
जटा के बीच, हरै अघ कीच, चरण छवि श्रीबनवारी की,
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
चमकती उज्जवल तट रेनू, बज रही वृन्दावन बेनू
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनु हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद
कटत भाव फ़ंद, टेर सुन दिन दुखारी की
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
II आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती श्री कुंजबिहारी की, गिरिधर कृष्ण मुरारी की II
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AARTI KUNJ BIHARI KI IN HINDI आरती कुंजबिहारी की लिरिक्स
Aarti shree kunjbihari ki, shree giridhar krishn murari ki
Aarti shree kunjbihari ki, shree giridhar krishn murari ki
Gale me baijanti mala, bajwai murli madhur bala
Shravan me kundal jhalakta, nand ke aanand nandlala
Gagan sam ang kaanti kaali, radhika chamak rahi aali
Latan me thadhe banmali bhramar si alak, kastoori tilak
Chandra si jhalak, lalit chhavi shyama pyari ki
Shree giridhar krishn murari ki, aarti kunjbihari ki
Kanakmay mor mukut bilsai, devta darshan ko tarsai
Gagan so suman raasi barsai, baje murchang, madhur mirdang gwalin sang
Atul rati gop kumari ki, shree giridhar krishna murari ki
Jahan te prakat bhai ganga, sakal man haarini shree ganga
Smaran te hot moh bhanga, basi shiv shees
Jata ke beech, harai agh keech, charan chhavi shreebanwari ki
Aarti shree kunjbihari ki, shree giridhar krishn murari ki
Chamakti ujjwal tat renu, baj rahi vrindawan benu
Chahun desi gopi gwal dhenu
Hansat mridu mand, chaandni chand, katat bhav fand
Ter sun deen dukhari ki
Aarti shree kunjbihari ki, shree giridhar krishn murari ki
Aarti shree kunjbihari ki, shree giridhar krishn murari ki
Aarti shree kunjbihari ki, shree giridhar krishn murari ki