What does it mean for films to be tax-free?

इस समय विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित की गई फिल्म द कश्मीर फाइल्स बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है। इस फिल्म ने अब तक 200 करोड़ रूपये से ज्यादा का कारोबार कर लिया है। देश के कुछ राज्यों में इसे टैक्स फ्री कर दिया गया है। आज हम जानेंगे कि किस तरह की फिल्मों को टैक्स फ्री किया जाता है और टैक्स फ्री होने से फिल्मों को क्या लाभ मिलता है। 

टैक्स फ्री होने के लिए फिल्मों की योग्यता 

हाल ही में जब द कश्मीर फाइल्स को कुछ राज्यों में टैक्स फ्री किया गया तो फिल्म 'झुण्ड' की प्रोड्यूसर सविता राज हिरेनाथ ने फिल्मों को टैक्स फ्री करने की योग्यता पर सवाल किया। उनका कहना था कि किस तरह की फिल्मों को सरकारें टैक्स फ्री करती हैं। कौन सी फिल्म टैक्स फ्री होगी इसके लिए बाकायता गाइडलाइंस होती है जो फिल्म इन गाइडलाइंस का पालन करती हैं उन्हें टैक्स फ्री किया जाता है। 

यह भी पढ़ें: 

मिनटों में बदले आधार कार्ड में नाम-पता व मोबाइल नंबर, जानें सरल प्रक्रिया

अक्सर देखा गया है कि जिन फिल्मों में समाज के सन्देश होता है और जो फिल्म समाज की हकीकत को बयान करते हुए समाज में जागरूकता और शिक्षा लाने का काम करती हैं उन्हें राज्य सरकारें टैक्स फ्री करती हैं। 
 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकारें और केंद्र सरकार अलग-अलग फिल्मों को टैक्स फ्री करती हैं। 

टैक्स फ्री करने से फिल्मों को क्या लाभ मिलता है 

जब फिल्मों को टैक्स फ्री किया जाता है तो फिल्म के टिकट सस्ते हो जाते हैं और फिल्म जितना कमाई करती है और सरकार उस कमाई से टैक्स नहीं लेती है।

यह भी पढ़ें: 

चीफ मिनिस्टर फ्री मेडिसिन स्कीम अप्लाई करने की प्रक्रिया

2017 से पहले सभी राज्य सरकार आने राज्य में एंटरटेनमेंट टैक्स वसूला करती थी लेकिन 2017 में जीएसटी के लागू होने से फिल्मों पर लगने वाला टैक्स का सीनारियो पूरी तरह से बदल गया है। अब फिल्मों पर जीएसटी लगती है। 

जीएसटी आने के बाद इस तरह से वसूला जाता है एंटरटेनमेंट टैक्स 

शुरुआतमें जी एसटी के न आने से राज्य फिल्म पर लगाए जाने वाले एंटरटेनमेंट टैक्स (मनोरंजन कर) को तय किया करते थे। टैक्स की दर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती थी। 

लेकिन 2017 में लागू किए गए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) ने टैक्स में एक समानता ला दी जिसके बाद फिल्मों को 28% GST स्लैब के तहत रखा गया।

बाद में दो स्लैब में एंटरटेनमेंट टैक्स को वसूला जाने लगा। 100 रुपये से कम कीमत वाले टिकटों पर 12% जीएसटी और इससे महंगे टिकटो के लिए 18% जीएसटी अब वसूली जाती है। 


टैक्स फ्री होने से फिल्मों की कमाई पर किस तरह से फर्क पड़ता है 


ध्यान देंने वाली बात यह है कि टिकटों पर लगाया जाने वाला जीएसटी राज्यों और केंद्र के बीच समान रूप से विभाजित हो जाता है।

यह भी पढ़ें: 

लड़कों की कौन सी 5 चीजें लड़कियों को ज्यादा आकर्षित करती है?

जब कोई राज्य किसी फिल्म को टैक्स फ्री करता है, तो वह टैक्स के अपने हिस्से को छोड़ देता है। हालांकि केंद्र राज्य में टैक्स फ्री होने के बाद भी टैक्स का हिस्सा प्राप्त होगा जब तक कि केंद्र भी इसे टैक्स फ्री न कर दे। 

फिल्मों को टैक्स फ्री इसलिए किया जाता है कि फिल्म की टिकट सस्ती हो सके और लोग इस फिल्म ज्यादा से ज्यादा देख सकें। 
 

You Might Also Like