side effects of painkillers during periods in Hindi

 

महिलाओं के लिए पीरियड एक ऐसा समय होता है जिसे उन्हें बहुत ही सावधानी के साथ गुजारना  होता है। इस दौरान महिलाएं बहुत दर्द से गुजरती है। बहुत सारी महिलाये अपने जीवन में कभी न कभी पीरियड होने पर दर्द को झेलती है। यह दर्द पेट के निचले हिस्से में ऐंठन की तरह होती है, इसके हल्की बेचैनी से लेकर गंभीर कष्टदायी दर्द भी हो सकता है। दर्द की गभीरता अलग अलग हो सकती है। 

ऐसा देखा गया है कि पांच में से एक महिला पीरियड के दौरान हार्ट अटैक जैसा दर्द से पीड़ित होने की शिकायत करती है। टीनएज  और युवा लड़कियों में पीरियड के दौरान गंभीर ऐंठन होना आम बात है। अक्सर इनकी वजह से रोजमर्रा के काम प्रभावित होते है। यहां तक कि पीड़ित महिला रोजमर्रा के कामों को भी इन दर्द की वजह से नहीं कर पाती है। 

अक्सर महिलाएं इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं पेन किलर की दवाएं खाना शुरू कर देती है।  पेन किलर के लिए महिलाएं डॉक्टर की सलाह नहीं लेती है। हालांकि पेन किलर की हल्की खुराक एंटी-स्पास्मोडिक के साथ मिलकर मासिक धर्म में ऐंठन को कम करने में मदद कर सकती है और इसका सेवन करना सुरक्षित है। पहले दो दिनों के लिए पेन किलर की दो खुराक से कोई दिक्कत नहीं होती है और आमतौर पर पेन किलर की दो ख़ुराक दर्द से राहत प्रदान करने के लिए पर्याप्त होती है। 

हालांकि जब दो पेन किलर की खुराक से ज्यादा खाने की नौबत आये तो डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए क्योंकि दो से ज्यादा पेन किलर की दवाएं खाने से महिला को साइड इफेक्ट हो सकता है। इसलिए जब 2 गोली पेन किलर की खाने के बाद भी दर्द से  राहत न मिले तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। 

जिस तरह अन्य दवाओं को ज्यादा खाने से साइड इफेक्ट होता है उसी तरह से पेन किलर का भी साइड इफेक्ट होता है। एस्पिरिन, इबुप्रोफेन, पैरासिटामोल आदि के लंबे समय तक और गलत उपयोग से दर्द का लॉन्गटर्म साइड इफेक्ट भी हो सकता है।

पेन किलर के कुछ साइड इफेक्ट नीचे बताये गए है:

period pain killer

- पेट में जलन, पेट दर्द, एसिडिटी, डायरिया, जी मिचलाना, उल्टी जैसी गैस्ट्रिक समस्याएं पेन किलर लेने से हो सकती है। इनसे ज्यादा  गंभीर समस्याओं जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीड, पेट के अल्सर होने आदि को भी बढ़ावा देती है।

-ज्यादा पेन किलर के सेवन से एलर्जी होना दुर्लभ है लेकिन अगर एलर्जी होती है तो इसका परिणाम गंभीर हो सकता है। इन एलर्जी में चकत्ते, पित्ती, खुजली, लाल सूजे हुए छाले या त्वचा का छिलना, बुखार, घरघराहट, चेहरे, होंठ या जीभ की सूजन आदि हो सकती है। 

- पेन किलर एक लत भी बन सकती है क्योंकि महिला को दर्द से तुरंत राहत पाने की आदत हो जाती है इसलिए जब थोड़ा सा भी दर्द होता है तो वे पेन किलर खाने को सोचती है। 

- पेन किलर का ज्यादा सेवन यह शरीर के विभिन्न अंगो को काफी लम्बे समय तक नुकसान पहुंचा सकते है।  

- पेन किलर किसी भी अन्य दवा की तरह प्रोफेसनल कंसल्टेशन के बाद लेने पर बहुत फायदेमंद और प्रभावी होते हैं। वे तत्काल राहत प्रदान करते हैं और दर्दनाक ऐंठन से छुटकारा दिलाते हैं। पेन किलर दवाओं की एक न्यूनतम खुराक ज्यादातर दर्द को कम करने के लिए पर्याप्त से ज्यादा होती है। 

- पेन किलर के ज्यादा सेवन से छाती में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ, निगलने या बात करने में परेशानी; आवाज अजीब से निकलना जैसी समस्या भी हो सकती है। 

- चक्कर आना, थकान, उनींदापन, सिरदर्द भी पेन किलर के ज्यादा सेवन से हो सकता है। 

- ब्लीडिंग डिसऑर्डर भी ज्यादा पेन किलर के सेवन से हो सकता है। 

- लीवर डैमेज- पीलिया, गहरे रंग का पेशाब, पेशाब की मात्रा में कमी, थकान, पेट खराब, हल्के रंग का मल, उल्टी आदि।

- इसके अलावा ज्यादा पेन किलर खाने से दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। 

- ज्यादा पेन किलर का सेवन डिप्रेशन बढ़ा सकता है, अल्जाइमर बीमारी को बढ़ावा दे सकता है।

- किडनी डैमेज और किडनी फेल होना- पेन किलर दवाओं का बहुत ज्यादा प्रयोग किडनी फेल होने की सम्भावना को बढ़ा सकता है।

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हालांकि अगर किसी महिला  को विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान दर्द निवारक दवाओं की ज्यादा खुराक की जरुरत होती है, तो यह रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट (प्रजनन पथ) की अंतर्निहित समस्याओं का संकेत हो सकता है, और इसके लिए उचित कंसल्टेशन की जरुरत होती है। स्त्री रोग संबंधी समस्याएं जैसे एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉएड, एडिनोमायोसिस, डिम्बग्रंथि पुटी, प्रजनन अंग के संक्रमण, यहां तक कि गर्भधारण आदि भी गंभीर पेट दर्द का कारण बन सकते हैं। किसी भी पीरियड के दर्द/ऐंठन में ज्यादा पेन किलर की जरुरत हो तो उसकी जांच की जानी चाहिए।

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