आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस (तनाव) होना लाजमी है। स्ट्रेस होंने कई सारी समस्याएं होती है।  जिससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। लेकिन अगर आप नियमित लाइफस्टाइल और स्वस्थ डाईट का पालन करते हैं तो आप इन समस्याओं से बचे रहेंगे। 

आज हम आपको योग के कुछ आसनों के बारें में बताएँगे जिससे आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम कर सकेंगे। इन आसनों को आप घर पर आसानी से कर सकते हैं। आइये इस बारें में विस्तार से जानते हैं। 

चिंता या तनाव की वजह से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। क्योंकि चिंता और तनाव से ही ब्लड प्रेशर बढ़ता है और इस वजह से  शरीर की लड़ने और संभालने की प्रतिक्रिया में तेजी आती है। इससे सरकुलेटरी सिस्टम पर दबाव बढ़ता है। 

Yoga solution for high blood pressure

योग के कई ऐसे आसन और सांस लेने की तकनीक है जिससे ने केवल तन को आराम दिया जा सकता है बल्कि मन को भी शान्ति प्रदान की जा सकती है और तनाव को कम किया जा सकता है। जिससे हायपरटेंशन की समस्या से निजात मिल सकती हैं। 

नीच कुछ योग के आसनों के बारें में बताया जा रहा है जिसे अगर आप नियमित रूप से करेंगे तो आपको हायपरटेंशन की समस्या से निजात मिल सकती है।

प्राणायाम: अनुलोम विलोम 

Anulom Vilom

एक आरामदायक स्थिति में अपने पैरों को मोड़ कर बैठ जाएँ। अपनी रीढ़ को सीधा रखें तथा कंधे को हल्का रखें।अपने अंगूठे से अपनी दायीं नाक को दबाएँ, बायीं नाक से साँस लें। फिर बायीं नाक को अंगूठे से दबाते हुए दायीं नाक से सांस छोड़ें। ऐसे ही दोनों तरफ की नाक को दबाते हुए नाक से सांस लें। 

लाभ: तनाव, चिंता और हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है, मन को शांति प्रदान करता है। 

कोबरा पोज या भुजंगासन 

Bhujangasan

अपने पेट के बल पर फर्श पर लेट जाएँ।आपके हाथ आपकी आँखों के सामने जुड़े हुए हों। आपके पैर आपके कूल्हे को नहीं छूने चाहिए।आपकी हथेली आपके छाती के बगल में जमीन पर होनी चाहिए।आपकी कोहनी मुड़ी होनी चाहिए। अपने शरीर का आगे का हिस्सा गहरी सांस लेते हुए उठाएं। इस अवस्था में थोड़ी देर रहें और सांस अंदर बाहर करते रहें।

लाभ: इस आसन को करने से रीढ़ का लचीलापन बढ़ता है, यह आसन पेट के अंगों को उत्तेजित करता है पाचन में सुधार करता है, तनाव और थकान घटाता है, और साइटिका के दर्द को दूर करने में मदद करता है।


ब्रिज पोज या सेतु बंध सर्वांगासन 

Bridge Pose

अपनी पीठ के बल लेट जाएँ, घुटने को नीचे रखें, पैरों और कूल्हे को फैलाएं और जमीन पर ही पैर को रखें रहें।आपके हाथ की हथेली जमीन को छूती होनी चाहिए और आपकी बांह आपके शरीर के सीध में होनी चाहिए।अपने पैर को फर्श पर दबाएँ, गहरी सांस लें और अपने कूल्हे को ऊपर उठाएं, अपनी रीढ़ को फ्लोर पर घुमाएँ। अपनी छाती को ऊपर उठाने के लिए, अपनी बाहों और कंधों को एक साथ दबाएं। अपने कूल्हे को ऊपर उठाने के लिए अपने पैरों और नितंबों को सीध में रखें। इस स्थिति में रहकर 4 से 5 बार सांस लें।

लाभ: तनाव, थकान, चिंता, माइग्रेन, नींद न आना और मोडरेट डिप्रेशन में कमी होती है।

बाउंड एंगल पोज़ या बद्ध कोणासन

Baddhasan

फर्श पर आराम से बैठ जाएँ और अपनी पैरों की दोनों तलवों को आपस में मिलाएं। अपने हाथों से पैर को अंगूठे को धीरे से पकड़ें। अपनी एड़ियों को पेल्विस के नजदीक ले आयें। पीठ को सीधा करके बैठें।  गहरी सांस लें। सांस छोड़े और अपने घुटने को फर्श पर रखें रहें। धीरे-धीरे अपनी रीढ़ को सीधा रखते हुए आगे झुकें। झुकते हुए आप नीचे झुक सके झुंके लेकिन अपनी रीढ़ को मुड़ने न दें। इस स्थिति में रहते हुए 4 से 5 बार साँस लें।

लाभ: लाभ: जो लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान रहते हैं उनमे यह आसन करने से तनाव कम होता है, पूरे शरीर में सर्कुलेशन और ब्लड फ्लो में सुधार करता है, मासिक धर्म के दर्द और मेनोपाज के लक्षणों से राहत मिलती है।


पैर दीवार पर ऊपर या विपरीता करनी

Upar Pair Asan

दीवार के सहारे अपने पैर को ऊपर करके लेट जाएँ। इस दौरान आपका हाथ फर्श पर सीधा रहे। अपने कंधे और कूल्हे को एक लाइन में रखें और 90 अंश के कोण को बनाने की कोशिश करें। अपने हाथों को अपने बगल में रखें। आराम करते हुए गहरी सांस लें।

फायदे: ब्लड डीटोक्सीफिकेशन में मदद मिलती है, तनाव से संबंधित समस्याएं कम होती है या नही होती है, हल्के डिप्रेशन और अनिद्रा को कम करता है, मन को शांत करता है।


शवासन 

Shavasan

आरामदायक मुद्रा में फर्श पर लेट जाएँ। यह सुनिश्चित करें आसपास कोई शोर न हो रहा हो ताकि आप आराम से लेटे रह सकें। अपने पैर और हाथों को शरीर से दूर यानि कि चौड़ा करें और आँखे बंद कर लें। अपना ध्यान अपने शरीर के अन्य अंगो की तरफ ले जाएँ। पहले ध्यान अपने पैर के अंगूठे से शुरू करें। ध्यान करते हुए सांस लेते रहें और छोड़ते रहें।

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लाभ: ब्लड प्रेशर कम करता है, हार्ट रेट कम करता है, सांस धीमा करता है, मांसपेशियों में तनाव कम करता है, मेटाबोलिज्म रेट कम करता है।

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