Digital Duniya Se break Kaise le | Break Digital Addiction in Hindi

  • डिजिटल दुनिया से ब्रेक कैसे लें, जाने फायदें 

 

इसमें कोई शक नहीं है कि टेक्नोलॉजी ने हम सभी के लिए कई सारी चीजों को आसान बना दिया है फिर चाहे किसी से बात करना हो या कोई चीज एक जगह से दूसरी जगह भेजनी हो। आज के युग में हर कोई व्यक्ति एक दूसरे से जुदा हुआ महसूस करता है। लेकिन टेक्नोलॉजी अगर वरदान है तो इसके अभिशाप भी हैं। जैसे कि हर एक चीज के दो पहलू होते हैं ठीक उसी तरह से टेक्नोलॉजी के भी बुरे और अच्छे दो पह्लूँ हैं। 

 टेक्नोलॉजी के लाभदायक पहलू तो हज़ारों हैं लेकिन इसके कई हानिकारण प्रभाव भी हैं। ये हानिकारक पहलू शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जुड़े हुए हैं। अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन द्वारा प्रकाशित 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि 19 से 32 आयु वर्ग के जो लोग सोशल मीडिया का बहुत ज्यादा उपयोग करते हैं, ऐसे लोग उन लोगों कि तुलना में ज्यादा अकेलापन महसूस करते हैं जो लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं  करते हैं।

नई-नई टेक्नोलॉजी और स्मार्ट गैजेट्स ने हमें डिजिटल युग का गुलाम बना दिया है। डिजिटल उपकरणों पर हमारी इस निर्भरता और आदत से कुछ राहत पाने की जरुरत है। बात जब डिजिटल युग से ब्रेक लेने की आती है तो योग और मेडिटेशन से काफी फर्क पड़ सकता है। योग वह पुरानी परंपरा है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है। योग के साथ अगर मेडिटेशन किया जाए तो यह सोने पे सुहागा हो सकता है। 

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साइकियाट्री रिव्यू नामक पत्रिका में प्रकाशित अप्रैल 2018 में एक अध्ययन में पाया गया कि एंग्जाइटी डिसऑर्डर से पीड़ित लोग जिन्होंने माइंडफुलनेस-आधारित स्ट्रेस रिडक्शन कार्यक्रम में हिस्सा लिया, उनके तनाव में कमी देखी गयी।

डिजिटल दुनिया से ब्रेक लेना क्यों है जरूरी?

वर्तमान समय में हर व्यक्ति टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। टेक्नोलॉजी के इन रूपों में स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर और यहां तक कि घड़ियां भी शामिल है। लोग इन उपकरणों के माध्यमस से टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए हैं। कंपनियां हमें इन चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए हमारे दिमाग को लुभाती रहती हैं। लगातार वास्तविक दुनिया से कटे रहने से हमारे संज्ञानात्मक कार्य बाधित होते हैं। 

कई लोगों को इससे एंग्जाइटी और याददाश्त खोने की समस्या होती है। डिजिटल मीडिया के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से शारीरिक स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। स्मार्टफोन का बहुत ज्यादा उपयोग कंधों, गर्दन और रीढ़ पर बहुत ज्यादा दबाव डाल सकता है। टेक्नोलॉजी के हद से ज्यादा प्रयोग से अंगूठे, उंगलियों और कलाई में स्ट्रेंन इंजरी हो सकती है। स्मार्टफोन और कंप्यूटर से निकलने वाली नीली रोशनी के संपर्क में आने से सर्कैडियन क्लॉक भी बाधित हो सकती है, जिससे नींद न आने की समस्या हो सकती है।

योग इस तरह की समस्या में  साबित हो सकता है रामबाण 

जो लोग रोज योग करते हैं उनका मानसिक और शारीरिक स्दिवास्माथ्गय शांत रहता है। वे ज्यादा सुकून से रहते हैं। योग और मेडिटेशन से कांग्निटिव स्किल में सुधार जैसे कि सीखने और याद करने की क्षमता में बढ़ोत्तरी हो सकती है। नीचे कुछ आसान योग के आसनों के बारे में बताया गया है जिसे अगर नियमित रूप से किया जाए तो आजकल की भागदौड भरी जिंदगी के तनाव से छुटकारा पाया जा सकता है। 

अधो मुख स्वनासन

कैसे करें

-पैर की एड़ियों और हथेलियों को फर्श पर रखें।

- इसके बाद सिर को अपने कूल्हे के नीचे ले जाएँ।

- कूल्हे को ऊपर उठाकर V आकर बनायें।

-पैरों को चौड़ा रखें।

- उंगलियों को फैलाएं और छाती को अपने पैरों की ओर ले जाएं।

- इस स्थिति में 30 सेकेण्ड के लिए रहें और फिर पहले जैसी मुद्रा में धीरे-धीरे वापस आ जाएँ।

लाभ: यह आसन शरीर के निचले भाग को फैलाता है, मुद्रा में सुधार करती है और शरीर और मन को संतुलित करता है।

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सवासन

कैसे करें

- शरीर के बगल में बाजुओं को करके पीठ के बल लेट जाएं।

- हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए और चेहरे और पूरे शरीर को पूरी तरह से ढीला रखना चाहिए।

- धीरे-धीरे सांस लेते रहें और अपना ध्यान अपनी सांसों पर रखें।

- कुछ मिनट तक इस स्थिति में रहें और फिर पहले जैसी मुद्रा में वापस आ जाएँ।

लाभ: यह आसन तनाव और चिंता को कम करने वाले नर्वस सिस्टम को शांत करता है। यह इम्युनिटी और पाचन तंत्र में भी सुधार करता है।
 

तड़ासन (माउंटेन पोज)

कैसे करें

- बाजुओं को बगल में रखते हुए पैरों को मिलाकर खड़े हो जाएं।

- जांघ की मांसपेशियों को जोड़ते हुए पैरों को सीधा करें और टेलबोन को अंदर करें।

- सांस लेते हुए धड़ को ऊपर उठाएं और बाहों को ऊपर उठाएं।

- सांस छोड़ें और कंधे के ब्लेड को सिर से दूर रखें।

- धीमी सांस लें और इस स्थिति में 30 सेकेंड तक बने रहें।

लाभ- यह आसान सभी प्रमुख मांसपेशी समूहों को एक साथ संलग्न करता है और एकाग्रता और फोकस में सुधार करता है।


बलासन (चाइल्ड पोज)

कैसे करें

- अपने पैर की उंगलियों के साथ घुटने के बल  बैठ जाएं।

- कूल्हों को पैरों की ओर नीचे करें और हाथों को आगे की ओर फैलाएं।

- पेट जाँघों पर होना चाहिए और माथा चटाई को छूते हुए रहना चाहिए।

- इस स्थिति में 1 मिनट के लिए रहें और फिर धीरे-धीरे पहले जैसी मुद्रा में वापस आ जाएं।

लाभ: छाती में तनाव को दूर करने के अलावा यह आसन रीढ़ और पीठ को आराम प्रदान करता है और अच्छी नींद लाने में मदद करता है।

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मेडिटेशन भी करें

मन पर नियंत्रण बनाए रखने और विचारों को अपने काबू करने के लिए मेडिटेशन सदियों से एक उपयोगी तरीका साबित हुआ है। जो लोग अपने रोजमर्रा के जीवन में मेडिटेशन करते हैं, वे विपरीत परिस्थितियों को अच्छे से झेल पाते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि लगातार मेडिटेशन करने से GABA का स्तर बढ़ता है, इससे भावनात्मक स्वास्थ्य बेहतर होता है  और खुशी महसूस होने में मदद मिलती है।

योग और प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करने से शरीर और मन को आश्चर्यजनक लाभ मिल सकता है। रोजमर्रा के जीवन में जीवन में इन्हें अपनाने से फर्क साफ़ देखा जा सकता है।

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